●महादेव●
शिव तुझमे है शिव मुझमे है
शिव ही ब्रह्माण्ड है,
वही रमा है वही रमेगा,
कण कण में अविराम बसेगा
अज्ञानी
के ज्ञान का गागर
नदियाँ शक्ति शिव ही सागर
वही है आदि है अनन्त,
शिव सा कोई नहीं है अंत
जब मुस्काता
नाच दिखता ,धरती डोले
बम बम भोले
नभ भी उसका धरा भी उसकी
उसी में सब है वही एकाकी
नील कंठ है नील अधर
श्मशान भी उसी का घर
मृत्यु का अभिमान भी शिव है
हर योनि में प्राण भी शिव है
वही प्रणेता वही प्रलय
शिव ही दाता वही विजय
है अभयंकर है सुनसान
जिसका ज्ञान है श्मशान
शिव ही सत्य है
शिव ही सुन्दर,
नही कोई शिव से बढ़कर
शिव तुझमे है शिव मुझमे है
शिव ही ब्रह्माण्ड है,
वही रमा है वही रमेगा,
कण कण में अविराम बसेगा।
#दीपक©✍
महादेव
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