जी लूंगा तुझे मैं,
तू घमण्ड क्या करती है
है तो ज़िन्दगी ही,
खेल खेलती है यूँ क्यूँ मुझसे
याराना ऱख बहलाती
क्यूँ? लेती मज़े है मेरे तू ख़ुद
भी तो है मोहताज़ मेरी,
मौत से मिलूंगा तब रोयेगी
तू, औकात तेरी दिखा दूँ
ज़िगर है मुझमें,
तू घमण्ड क्या करती है,
है तो ज़िन्दगी ही,
पटक पटक के हौसले पस्त
किये मेरे मैं रुका क्या?
उठा मैं, पटखनी खा तुझसे
रुका नहीं तुझसे हार कर
मैं लूँगा बदला तुझसे
लालची बनाकर, हर एक
रज़ा तेरी पूरी करूँगा मैं
औकात तेरी दिखा दूँ
जिगर है मुझमे,
तू घमण्ड क्या करती है,
है तो ज़िन्दगी ही।
#दीपक✍
Hmm bhut pyara h shi kha
जवाब देंहटाएंHmm bhut pyara h shi kha
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏🙏
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