सोमवार, 24 दिसंबर 2018

(अभिप्रेरणा भाग-०१) =◆सत्य और साहस◆=


15 टिप्‍पणियां:

  1. यथार्थ को उकेरती हुई ...बहुत ही उम्दा लेखनी है दीपक जी ����

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  2. सत्य और साहस में आप के मन की धीरता प्रकट हो रहे शनैःशनैः आपकी लेखन में निखार आ रहे वाह!

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  3. ईर्ष्या मन की जलन तन की फिर भी लोग कुरेरते हैं

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