रंग दो अपनी आँखों से
साँसों को तेज हो जाने दो
के बहुत दिन हो गए
तुम्हें कसकर भींचे हुए
दिलों को हो जाने दो गीला
बदन तो होंगे ही न
आग मिलन की बुझ जाए
के बहुत दिन हो गए
सबसे छुपकर उस कोने में
किवाड़ के पीछे खींचना
जो गवाह है हमारे
नज़दीकियों का
के बहुत दिन हो गए
लबों को भिंगो देना
प्यार की मस्त ठंडई में सुनो
उस दिन के तरह छा जाना
के बहुत दिन हो गए
कितनी तो सिफारिश
करते हैं हम , अभी
खुद से मान जाना
वैसी होली मनाना
के बहुत दिन हो गए
#दीपक©✍
Bhot khub deepak. Asal jindagi waali baato ko kya khub sawara h.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भाई🙏🙏
हटाएंKya bat kya bat
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