◆●◆गहरी बातों के डिजिटल रास्ते◆●◆ #दीपक©✍ BestHindi-poetry-कवितायें-स्वरचित
बहुत मनभावन और प्रेरक रचना आदरणीय दीपक जी | सचमुच हवा और फकीर सा निर्मल कोई और कहाँ ? सादर आभार |
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय रेनू दी,बस प्रयासरत हूँ कि और अच्छा लिखूँ।
बहुत खुब.
बहुत बहुत शुक्रिया
हवा को सहलाती हुई❤
आपका आभार नेता जी
मन को छू लिए भाई पंक्ति अच्छी है और हवा भी गुलाबी चल रहे
बहुत बहुत शुक्रिया🙏
Bahut deep thinking hai 👌
शुक्रिया 🙏
बहुत खूब
शुक्रिया
बहुत मनभावन और प्रेरक रचना आदरणीय दीपक जी | सचमुच हवा और फकीर सा निर्मल कोई और कहाँ ? सादर आभार |
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीय रेनू दी,
हटाएंबस प्रयासरत हूँ कि और अच्छा लिखूँ।
बहुत खुब.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया
हटाएंहवा को सहलाती हुई❤
जवाब देंहटाएंआपका आभार नेता जी
हटाएंमन को छू लिए भाई पंक्ति अच्छी है और हवा भी गुलाबी चल रहे
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया🙏
हटाएंBahut deep thinking hai 👌
जवाब देंहटाएंशुक्रिया 🙏
हटाएंबहुत खूब
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