सोमवार, 11 दिसंबर 2017

कविता क्या है?

कविता क्या है?
छू जाये तो द्रवित कर जाये
लग जाये तो उद्वेलित , 
मन झिलमिल को
भर दे रोमांच और एहसासों से
सफ़र कराये रूह से ब्रह्म तक
शून्य से अनन्त
लफ्ज़ जो ऐसे होते हैं कभी
ज्वलंत ख़ुद में कभी मन्द,
मस्त-रूहानी से
हवाओं की हंसी मिट्टी की खुश्बू
फ़ुहारों की अठखेलियां लिए
मदमस्त पन्ने 
इश्क़ में रब और रब में सब सा
तपती आँच में शब सा जो
मज़ा दे जाते हैं, 
इसी का नाम लोग कविता
बतलाते हैं...
इसी का नाम लोग कविता
बतलाते हैं.....
              
#दीपक©✍

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